sidh kunjika Secrets
Individuals who read through Devi Mahatmya devoid of this prayer of Kunjika will not get to the forest of perfection as they can weep by itself without having a person to protect or secure them.
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम् ।
ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।
मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ ३ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
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क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ।।
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)